शर्मनाक… दुष्कर्म की शिकार नाबालिग को अस्पताल की बेंच पर देना पड़ा बच्चे को जन्म, डीएम ने बैठाई जांच
मेरठ: मेरठ जिले के सरधना विधानसभा क्षेत्र स्थित सीएचसी में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक नाबालिग ने सिस्टम की लापरवाही के चलते एक मृत बच्चे को बेंच पर जन्म दे दिया। आरोप है कि नाबालिग के साथ पड़ोस में रहने वाले एक शख्स ने दुष्कर्म किया था। इससे वह गर्भवती हो गई थी। आरोप है कि नाबालिग के साथ यौन शोषण करने वाले 40 वर्षीय सुभाष ने उसका वीडियो बनाया और मुंह बंद रखने की धमकी दी। पीड़िता डर के मारे चुप रही, लेकिन उसको यह समझ में नही आया कि वह गर्भवती हो गई।
अल्ट्रासाउंड करवाने पर सामने आया सच
पीड़िता को एक माह से पेट में दर्द था, वह घर में गुमसुम रहती थी, मां को उसने बताया कि पेट में बहुत दर्द है और ऐसा लगता है कि कीड़े चल रहे है। परिवार ने डाक्टर को दिखाया तो सूजन बताकर उसका उपचार किया गया। आराम न मिलने पर डाक्टर ने अल्ट्रासाउंड करवाया तो पता चला कि वह 6 महीने की गर्भवती है। इलाज में एक महीने निकल गया और उसके सात माह पूरे हो गये। अचानक से पीड़िता की तकलीफ बढ़ गई, परिवार उसे सरधना सीएचसी लाया, भर्ती कराने की गुहार लगाता रहा लेकिन सरकारी सीएचसी का सिस्टम सोता रहा। इसके चलते पीड़िता ने मृत बच्चे को जन्म दिया और प्रसूता की हालत गंभीर बनी हुई है। मेरठ जिला अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है।
पड़ोस में रहने वाले चाचा ने किया था रेप
पड़ोसी के हाथों 13 साल की किशोरी का दुष्कर्म सुनकर परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई। जब सख्ती से नाबालिग से परिवार ने पूछा तो उसने सच उगल दिया। उसने परिवार को बताया कि जब माता-पिता काम पर चले जाते थे तो पड़ोस में रहने वाले रिश्ते के चाचा सुभाष घर में आकर गलत व्यवहार करता था। मुंह बंद रखने के लिए दबाव बनता और धोखे से बनाया वीडियो दिखाकर धमकी देता कि उसे वायरल कर देगा। उसके भाई को जान से मार देगा। बेटी के साथ हुई घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने सुभाष को पकड़ा तो उसने परिवार को धमकाते हुए बदनाम करने की धमकी दे डाली। सुभाष पहले से ही शादीशुदा है।
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आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दुष्कर्म और पास्को एक्ट में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि पीड़िता ने सीएचसी के अंदर पहुंचने से पहले मृत बच्चे को जन्मा था, जांच की जा रही है। वहीं मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने घटना की जांच के लिए एडीएम वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। कमेटी 48 घंटे के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।